वैरिकॉज – वेंस के लिए घरेलू उपचार

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About Dr. Nagender Kumar

Urologist, Sex counselor

वैरिकॉज – वेंस एक आम समस्या है जिसमें असामान्य रूप से बढ़ी हुई नसें त्वचा की सतह के करीब दिखाई पड़ने लगती हैं. वे आमतौर पर पैर में पिछले हिस्से और जांघों में नज़र आती हैं जब नसें कमजोर नसों की सतह या बुरी स्थिति में काम कर रहे वाल्व आदि विकसित करती हैं, जो कि रक्त के प्रवाह को नियंत्रित करते हैं.

अमेरिकी स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग के अनुसार, वैरिकॉज – वेंस से विश्व की लगभग २५ प्रतिशत महिलायें और १० प्रतिशत पुरुष प्रभावित हैं.

इस स्थिति में दर्द, थकान, बेचैनी और पैरों में जलन, झुनझुनी या भारीपन आदि का अनुभव हो सकता है. कई लोगों के लिए उभरी हुई नसें भी चिंता का विषय है.

वैरिकॉज – वेंस के जनन में योगदान करने वाले सामान्य कारकों में आनुवंशिकता, ऐसे व्यवसाय जिनमे अधिक देरी तक खड़ा रहना पड़ता है, मोटापा, गर्भ रोकने वाली दवाओं का सेवन, कब्ज तथा गर्भावस्था, जवानी और रजोनिवृत्ति के दौरान शरीर में होने वाले हार्मोनल परिवर्तन आदि हैं.

वैरिकॉज – वेंस की दवाई के माध्यम से चिकित्सा और शल्य चिकित्सा बहुत महंगी हो सकती है. आप वैरिकॉज – वेंस की गंभीरता और इससे होने वाली परेशानी को कम करने के लिए कुछ घरेलू उपायों को आज़मा सकते हैं.

वैरिकॉज – वेंस के लिए शीर्ष १० घरेलू उपचार निम्न प्रकार से हैं.

१. सेब का सिरका

सेब का सिरका वैरिकॉज – वेंस के लिए एक अद्भुत इलाज है. यह एक प्राकृतिक सफाई करने वाला उत्पाद है और यह रक्त प्रवाह और परिसंचरण में भी सुधार लाता है. जब रक्त स्वाभाविक रूप से बहने लगता है तो वैरिकॉज – वेंस का भारीपन और सूजन काफी हद तक कम हो जाएगी.

  •  जिस स्थान पर वैरिकॉज – वेंस हों उस जगह पर बिना किसी मिलावट किए हुए सेब के सिरके को लगायें और धीरे – धीरे मालिश करें. इस प्रक्रिया को हर सुबह और फिर रात में सोने से पहले करें. वैरिकॉज – वेंस के आकार को कम करने के लिए कुछ महीनों तक इस उपाय का पालन करें.
  •  एक गिलास पानी में सेब के सिरके की दो चम्मच डालें और फिर उसे अच्छी तरह से चलायें. सकारात्मक परिणाम पाने के लिए दिन में कम से कम २ बार एक महीने तक पियें.

२. लाल मिर्च

लाल मिर्च को वैरिकॉज – वेंस के उपचार में किसी चमत्कार से कम नहीं माना जाता है. इसमें विटामिन सी और बायोफ़्लेवोनॉइड की बहुत प्रचुर मात्रा होती है, यह रक्त परिसंचरण को बढ़ाती है और फूली, सूजी हुई नसों के दर्द को आसान बनाती है.

१. एक प्याला गर्म पानी में एक चम्मच लाल मिर्च अच्छे से मिलाएं.

२. इस मिश्रण को एक से दो महीने के लिए दिन में तीन बार पियें

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३. जैतून का तेल

वैरिकॉज – वेंस के उपचार के लिए रक्त परिसंचरण को बढ़ाना अति आवश्यक है. जैतून के तेल से मालिश करने से रक्त परिसंचरण बढ़ाने में मदद मिलती है, जिससे दर्द और सूजन कम होती है.

  •  जैतून के तेल और विटामिन ई के तेल की बराबर मात्रा लें और फिर इसे मिलाएं; इसके बाद इसे थोड़ा गरम करें. कुछ मिनटों के लिए गर्म तेल से नसों की मालिश करें, इस प्रक्रिया को लगभग एक से दो महीने के लिए दिन में दो बार करें.
  •  आप इस गर्म जैतून के तेल के मिश्रण में साइप्रस तेल की चार बूंदों को भी मिला सकते हैं और फिर उसके बाद इससे मसाज़ करें.

४. लहसुन

सूजन और वैरिकॉज – वेंस के लक्षणों को कम करने के लिए लहसुन एक उत्कृष्ट जड़ी बूटी है. यह रक्त वाहिकाओं में मौजूद हानिकारक विषाक्त पदार्थों को नष्ट करता है और परिसंचरण को बेहतर बनाने में मदद करता है.

१. लहसुन की ६ कलियों को तोड़ के छील लें और फिर उन्हें एक साफ कांच के जार में डाल दें.

२. तीन संतरों का रस निकाल कर उसी जार में डाल दें. इसमें २ चम्मच जैतून के तेल की भी मिलाएं.

३. मिश्रण को लगभग १२ घंटे तक छोड़ दें.

४. जार को हिलाएं और फिर अपनी उंगलियों पर मिश्रण की कुछ बूंदें डालें. इसके बाद उस तेल से १५ मिनट के लिए गोल-गोल घुमाते हुए सूजी हुई नसों की मालिश करें.

५. किसी सूती कपड़े से मालिश की हुई जगह को लपेटें और इसे रात भर के लिए ऐसे ही छोड़ दें.

६. इस प्रक्रिया को कई महीनों तक दोहराते रहें.

इसके अलावा, अपने आहार में ताजा लहसुन भी शामिल करें.

५. बुचर्स ब्रूम

बुचर्स ब्रूम वैरिकॉज – वेंस के दर्द और असुविधा से राहत दिलाने में बहुत उपयोगी है. इस जड़ीबूटी के यौगिकों में रस्कोजेनिंस शामिल है जो सूजन को कम करने में मदद करता है वहीं यह तत्व सूजननाशक और एंटी इलास्टेज गुणों के कारण वैरिकॉज – वेंस के असर को कम करता है.

एक दिन में 100 मिलीग्राम बुचर्स ब्रूम की खुराक लें. इसे पौधे की जड़ों और बीजों से बनाया गया है, बुचर्स ब्रूम की खुराक में कैल्शियम, क्रोमियम, मैग्नीशियम, मैंगनीज, पोटेशियम, सेलेनियम, सिलिकॉन और जस्ता के साथ विटामिन बी और सी भी हैं.

ये पोषक तत्व शिराओं को कसने, मजबूत करने और सूजन को कम करने का कार्य करते हैं और साथ ही पैर में रक्त के प्रवाह को बेहतर बनाने में भी मदद करते हैं.

नोट: उच्च रक्तचाप या प्रोस्टेट हाइपरप्लासिया से प्रभावित लोगों को इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श कर लेना चाहिए.

६. विच हैज़ल

विच हैज़ल रक्त वाहिकाओं को मजबूत करने के लिए एक बहुत ही प्रभावी जड़ी बूटी है और इसलिए वैरिकॉज – वेंस के लक्षण भी इसके प्रयोग से कम होते हैं. अपने स्तम्भक गुण के साथ – साथ इसमें गैलिक एसिड और कई आवश्यक तेल भी शामिल हैं जो सूजन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं.

  •  खीसा को विच हेज़ेल में डुबोएं और फिर इसे प्रभावित क्षेत्र पर रखें. इस प्रक्रिया को दिन में दो से तीन बार २ महीनों तक करें.
  •  वैकल्पिक रूप में गुनगुने पानी से एक टब को भरें और फिर इसमें आसुत विच हेज़ल १० से २० बूंदें डालें. अपने पैरों को कम से कम १५ मिनट के लिए उस टब में डुबोएं. फिर अपने पैरों को साफ पानी से धो लें और उन्हें सुखा लें. इस उपाय को एक से दो महीनों तक हर दिन एक बार करें.

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