11 कारण क्यों असली भोजन वजन कम करने में आपकी मदद करते हैं

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About Dr. Nagender Kumar

Urologist, Sex counselor

यह कोई संयोग की बात नहीं है कि तेजी से मोटापा फैलना और अत्यधिक प्रसंस्कृत किए गए खाद्य पदार्थों की उपलब्धता बढ़ना एक साथ हुआ है।

अत्यधिक प्रसंस्कृत किए गए भोजन सुविधाजनक तो होते हैं लेकिन इनमें बहुत ज़्यादा कैलोरी होती हैं, पोषक पदार्थ कम होते और ये आपको कई बीमारियों का जोखिम बढ़ा देते हैं।

वहीं दूसरी ओर, असली खाद्य पदार्थ स्वास्थ्यवर्धक होते हैं और दुबले होने में आपकी मदद करते हैं।

असली खाने क्या हैं?

असली खाद्य पदार्थ एकल-घटक वाले वे भोजन होते हैं जिनमें प्रचुर मात्रा में विटामिन और खनिज पाए जाते हैं, इनमें रासायनिक तत्व नहीं मिलाए गए होते और अधितकर ये प्रसंस्कृत नहीं किए जाते।

ये रहे कुछ उदाहरण:

  • सेब
  • केला
  • चिया बीज
  • ब्रोकोली
  • केला
  • टमाटर
  • शकरकंद
  • ब्राउन राइस
  • सामन मछली
  • अंडे
  • अप्रसंस्कृत माँस

हर भोजन समूह (फूड ग्रुप) में कई प्रकार के असली भोजन होते हैं। आपको अपने खान-पान में शामिल करने के लिए काफी वैरायटी उप्लबद्ध है।

ये रहे 11 कारण जो बताते हैं कि असली खानों से आपको वजन कम करने में मदद क्यों मिलती है।

1. असली भोजन पोषक होते हैं

साबुत, अप्रसंस्कृत वानस्पतिक और मांसाहारी खाद्य पदार्थों में प्रचुर मात्रा में विटामिन और खनिज पाए जाते हैं जो आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छे होते हैं।

इसके विपरीत, प्रसंस्कृत किए गए खाद्य पदार्थों में माइक्रोन्यूट्रीएंट्स कम होते हैं और ये आपको स्वास्थ्य समस्याएँ होने का जोखिम बढ़ा देते हैं।

प्रसंस्कृत किए गए खाद्य पदार्थ कई तरीकों से आपके वजन घटने की प्रक्रिया को धीमा कर देते हैं।

उदाहरण के लिए, प्रसंस्कृत किए गए खाद्य पदार्थ खाने से शरीर को पर्याप्त मात्रा में आयरन नहीं मिलता जिससे आपकी व्यायाम करने की क्षमता कम हो जाती है क्योंकि शरीर में ऑक्सिजन सप्लाई के लिए आयरन बहुत जरूरी होता है। यही कारण है कि इनसे व्यायाम करके कैलोरियाँ जलाने की आपकी क्षमता कम हो जाती है।

पोषक पदार्थों में कमी वाली डाइट से भी आपको दुबले होने में कठिनाई हो सकती है क्योंकि आपको खाना खाने के बाद भी पेट भरा हुआ नहीं लगेगा।

786 लोगों पर किए गए एक शोध में ऐसे प्रतिभागियों के पेट भरे होने के एहसास की तुलना की गई जिनमें कुछ ने कम माइक्रोन्यूट्रीएंट वाला भोजन लिया था और कुछ ने अधिक माइक्रोन्यूट्रीएंट वाला।

लगभग 80% प्रतिभागियों को अधिक माइक्रोन्यूट्रीएंट वाले भोजन करने के बाद पेट ज़्यादा भरा हुआ लगा। ऐसा तब था जबकि वे कम माइक्रोन्यूट्रीएंट वाले भोजन की तुलना में कम कैलोरी वाले भोजन कर रहे थे।

यदि आप अपनी पोषक तत्वों की खुराक बढ़ाना चाह रहे हों तो असली भोजन ही इसका सबसे बेहतरीन तरीका होते हैं। इनमें कई प्रकार के पोषक पदार्थ पाए जाते हैं जो किसी भी एक सप्लिमेंट में आपको नहीं मिलते चाहे वे सप्लिमेंट वानस्पतिक कंपाउंड, विटामिन और खनिज क्यों न हों।

साबुत भोजनों के पोषक पदार्थ एक साथ बेहतर काम करते हैं और अन्य सप्लिमेंट्स की तुलना में अच्छे से पचते हैं।

2. इनमें प्रचुर मात्रा में प्रोटीन होता है

वसा कम करने के लिए प्रोटीन सबसे महत्वपूर्ण पोषक पदार्थ है।

इससे आपका मैटाबॉलिज़्म तेज हो जाता है, थकान कम हो जाती है और हॉरमोन उत्पादन पर भी प्रभाव पड़ता है जिससे आप अपना वजन नियंत्रित कर पाते हैं।

प्रोटीन ग्रहण करने के लिए खाद्य पदार्थों के आपके विकल्प भी उतने ही महत्वपूर्ण होते हैं जितनी उनकी मात्रा। असली भोजन प्रोटीन का एक बेहतर स्त्रोत होते हैं क्योंकि ज़्यादातर इन्हें अत्यधिक प्रसंस्कृत नहीं किया जाता।

भोजन को प्रसंस्कृत करने से कई मूलभूत अमीनो एसिड्स को पचाना कठिन हो जाता है जिससे ये शरीर में पहुँच नहीं पाते। इनमें शामिल हैं लायसीन, ट्रिप्टोफैन, मेथिओनाइन और सिस्टाइन।

ऐसा इसलिए होता है क्योंकि प्रोटीन पाचन प्रक्रिया में शामिल शक्कर और वसा से मिलकर जटिल पदार्थों बना लेते हैं।

आम तौर पर प्रोटीन के अच्छे स्त्रोतों में प्रोटीन ज़्यादा होता है और कैलोरियाँ कम होती हैं जिससे ये वसा कम करने के लिए बेहतर होते हैं।

उदाहरण के लिए 100 ग्राम पोर्क (सूअर का माँस), जो एक असली खाद्य पदार्थ है, में 21 ग्राम प्रोटीन और 145 कैलोरी होती हैं।

वहीं, इतनी ही मात्रा के बेकन (प्रसंस्कृत माँस) में 12 ग्राम प्रोटीन और 458 कैलोरी होती हैं।

प्रोटीन के असली खाद्य स्त्रोतों में कम वसा वाले माँस, अंडे, दालें और सूखे मेवे शामिल होते हैं। इस लेख में आप ज़्यादा प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थों की एक बढ़िया लिस्ट पढ़ सकते हैं।

3. असली खाद्य पदार्थों में रिफाइंड शक्कर नहीं होती

फलों और सब्जियों में पाई जाने वाली प्राकृतिक शक्कर और रिफाइंड शुगर में बहुत फर्क होता है।

फलों और सब्जियों में प्राकृतिक शक्कर के साथ अन्य पोषक तत्व जैसे रेशे, विटामिन और पानी आदि भी होते हैं जो एक संतुलित खान-पान का आधार होते हैं।

दूसरी ओर प्रसंस्कृत खानों में अधिकतर रिफाइंड शक्कर मिलाई जाती है। आम तौर पर दो सबसे ज़्यादा मिलाई जाने वाली शक्कर हैं, हाई-फ्रक्टोज़ कॉर्न-सिरप और सफ़ेद शक्कर।

रिफाइंड शक्कर के आधिक्य वाले खाद्य पदार्थों में अधिकतर बहुत कैलोरियाँ होती हैं और स्वास्थ्य लाभ कम होते हैं। आइस-क्रीम, केक, बिस्किट और मिठाइयाँ वगैरह इनके कुछ उदाहरण हैं।

इन खानों को ज़्यादा लेने से मोटापा बढ़ता है। इसलिए यदि आपका लक्ष्य वजन कम करना है तो इन्हें सीमित कर देना ही बेहतर होता है।

रिफाइंड शक्कर खाने से आपका पेट भरा हुआ नहीं लगेगा। शोध दर्शाते हैं कि अधिक मात्रा में रिफाइंड शुगर लेने से भूख के हॉरमोन घेर्लिन का उत्पादन बढ़ जाता है जिससे दिमाग की तृप्त महसूस करने की क्षमता कम हो जाती है।

असली भोजनों में कोई रिफाइंड शक्कर नहीं होती इसलिए ये वजन कम करने के लिए कहीं ज़्यादा बेहतर विकल्प होते हैं।

4. इनमें घुलनशील रेशे ज़्यादा होते हैं

घुलनशील रेशों के कई स्वास्थ्य फायदे हैं, जिनमें से एक है, वजन कम करने में मदद।

ये पानी में घुलकर एक गाढ़ी जैल बना लेते हैं जिससे आपकी आँतों में भोजन के आगे बढ़ने की गति कम हो जाती है और आपको भूख कम लगती है।

घुलनशील रेशे भूख नियंत्रित करने वाले हॉरमोन्स के उत्पादन पर प्रभाव डालकर भी भूख कम कर सकते हैं।

शोधों से पता चला है कि घुलनशील रेशों से उन हॉरमोन्स का उत्पादन घट जाता है जिनसे आपको भूख लगती है।

यही नहीं, इससे ऐसे हॉरमोन्स का उत्पादन भी बढ़ जाता है जिनसे आपको अपना पेट भरा हुआ लगता है। ऐसे हॉरमोन हैं, कोलसिस्टोकिनिन, ग्लूकागोन जैसे पेप्टाइड-1 और पेप्टाइड वायवाय।

असली भोजनों में आम तौर पर प्रसंस्कृत भोजनों की तुलना में ज़्यादा मात्रा में घुलनशील रेशे होते हैं। घुलनशील रेशों के अच्छे स्त्रोत होते हैं, फलियाँ, अलसी, शकरकंद और संतरे।

आदर्श रूप से आपको रोज पर्याप्त मात्रा में रेशे ऐसे साबुत खानों से लेना चाहिए जिनमें कई अन्य पोषक पदार्थ भी हों। जो लोग पर्याप्त रेशे ग्रहण नहीं कर पाते, वे कोई अच्छा सप्लिमेंट ले सकते हैं।

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5. असली भोजनों में पॉलीफीनोल होते हैं

वानस्पतिक भोजनों में पॉलीफीनोल होते हैं जिनमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। इनसे बीमारियों से सुरक्षा होती है और आप वजन कम करने में भी मदद मिलती है।

पॉलीफीनोल्स को कई श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है, जैसे लिग्नन, स्टिलबेनोइड और फ्लेवोनोइड्स।

एक और प्रकार का फ्लेवोनोइड जो वजन कम करने के लिए फायदेमंद होता है, वह है एपीगैलोकेटचिन गैलेट (ईजीसीजी)। यह ग्रीन-टी में पाया जाता है और फ्लेवोनोइड के सभी फायदे पहुंचाता है।

उदाहरण के लिए, ईजीसीजी उन हॉरमोन्स के असर को भी बढ़ा देता है जो वसा जलाते हैं, जैसे नोरपाइनएफ़्रीन, क्योंकि यह उनका टूटना बंद कर देता है।

कई शोधों ने दर्शाया है कि ग्रीन-टी पीने से आपको और ज़्यादा कैलोरियाँ जलाने में मदद मिल सकती है। इन शोधों में ग्रीन-टी पीने वाले अधिकतर लोगों ने रोज 3-4% ज़्यादा कैलोरी जलाईं। इसलिए, एक आम व्यक्ति जो दिन में 2,000 कैलोरी जलाता है, इसकी मदद से रोज 60-80 एक्स्ट्रा कैलोरी जला सकता है।

6. असली भोजनों में आर्टिफ़िशियल ट्रांस-फैट नहीं होते

यदि कोई एक ऐसी चीज है जिस पर पोषण विज्ञानी एक साथ सहमत होते हैं, तो वह यह है कि आर्टिफ़िशियल ट्रांस-फैट आपके शरीर और आपकी कमर के लिए नुक्सानदेह होते हैं।

ट्रांस-फैट वनस्पति तेलों में कृत्रिम तरीकों से हाइड्रोजन अणु डाल कर बनाए जाते हैं जिससे वसा तरल से ठोस बन जाती है।

ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि प्रसंस्कृत चीजें जैसे बिस्किट, केक और डोनट आदि जल्दी खराब न हों।

कई शोधों ने पाया है कि अक्सर आर्टिफ़िशियल ट्रांस-फैट खाने से आपके स्वास्थ्य और आपकी कमर को नुक्सान पहुंचता है।

उदाहरण के लिए, एक शोध ने पाया कि जिन बंदरों ने ज़्यादा आर्टिफ़िशियल ट्रांस-फैट खाए थे, उनका उन बंदरों की तुलना में औसतन 7.2% बढ़ गया था जिन्होने मोनोसैचुरेटेड फैट के आधिक्य वाले भोजन लिए थे। मोनोसैचुरेटेड फैट के उदाहरण हैं ऑलिव ऑइल में पाए जाने वाले वसा।

दिलचस्प बात यह थी कि सभी बंदरों का वजन सीधे पेट के आस पास के क्षेत्र में बढ़ा था जो हृदय रोग, मधुमेह और अन्य स्वास्थ्य रोगों का जोखिम बढ़ा देता है।

अच्छी बात यह है कि असली भोजनों में आर्टिफ़िशियल ट्रांस-फैट नहीं होते।

कुछ स्त्रोतों, जैसे बीफ, बछड़े का माँस और मटन में प्राकृतिक ट्रांस-फैट पाए जाते हैं। कई शोधों ने पाया है कि आर्टिफ़िशियल ट्रांस-फैट के विपरीत प्राकृतिक ट्रांस फैट नुक्सानदेह नहीं होते।

7. इनसे आपको धीरे-धीरे खाने में मदद मिलती है

आराम से और धीरे-धीरे खाना वजन कम करने का एक ऐसा रास्ता है जिस पर अधिकतर लोग ध्यान नहीं देते।

धीरे-धीरे खाने से आपके मस्तिष्क को भोजन ग्रहण करने के संकेत समझने में ज़्यादा समय लगता है और उसे पता चल जाता है कि कब पेट भर गया है।

असली भोजनों से आपके खाने की गति कम हो जाती है क्योंकि ये अधिकतर ज़्यादा कड़े और रेशेदार होते हैं जिन्हें ज़्यादा चबाना पड़ता है। चबाने जैसी आसान सी चीज बस से आप वजन कम कर सकते हैं क्योंकि आप भोजन की कम मात्रा में ही संतुष्ट होने लगते हैं।

उदाहरण के लिए, 30 पुरुषों पर किए गए एक शोध में पाया गया कि जिन लोगों ने हर कौर को 40 बार चबाया था, उन्होने उन लोगों की तुलना में 12% कम खाना खाया जिन्होने 15 बार चबाया था।

शोध ने यह भी दर्शाया कि जिन प्रतिभागियों ने हर कौर 40 बार चबाया था, उनके खून में भोजन के बाद भूख के हॉरमोन घेर्लिन की मात्रा कम और संतृप्ति वाले हॉरमोन ग्लूकगोन-जैसे पेप्टाइड-1 और कोलसिस्टोकिनिन की मात्रा ज़्यादा पाई गई।

8. असली भोजन शक्कर खाने की इच्छा कम कर सकते हैं

वजन कम करने में सबसे बड़ी चुनौती अधिकतर खान-पान नहीं बल्कि मीठी चीजों को खाने की इच्छा से लड़ना होता है।

यदि आप ज़्यादा मीठा खाते हैं तो यह काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

फल, जैसे बेरी और सेब इत्यादि मीठी चीजों के अच्छे विकल्प हो सकते हैं जिनसे आपकी मीठी चीजें खाने की इच्छा भी पूरी हो जाएगी और आप अपनी परहेज भी जारी रख पाएँगे।

यह भी अच्छी बात है कि हमारे स्वाद की पसंद हमेशा एक जैसी नहीं रहती और जैसे-जैसे आप परहेज करते जाएँगे, स्वाद भी बदलता जाएगा। ज़्यादा असली भोजन खाने से आपकी जीभ को भी इनकी आदत पड़ जाएगी और धीरे-धीरे मीठी चीजों की इच्छा या तो कम हो जाएगी या पूरी तरह चली जाएगी।

9. आप ज़्यादा खाकर भी दुबले हो सकते हैं

असली भोजनों का एक बड़ा फायदा यह है कि ये एक प्लेट में प्रसंस्कृत भोजनों की तुलना में ज़्यादा जगह घेरते हैं और इनमें कैलोरियाँ भी कम होती हैं।

ऐसा इसलिए है क्योंकि असली भोजनों में काफी मात्रा में हवा और पानी होते हैं जिनमें कैलोरियाँ नहीं होतीं।

उदाहरण के लिए, 226 ग्राम (लगभग एक पाव) पकाए हुए कद्दू में करीब 45 कैलोरी होती हैं और यह प्लेट में ब्रेड की एक स्लाइस से ज़्यादा जगह घेरता है जिसमें 66 कैलोरी होती हैं।

कम कैलोरी और ज़्यादा आयतन वाले भोजन, ज़्यादा कैलोरी और कम आयतन वाले भोजनों की तुलना में आपकी भूख जल्दी मिटा देते हैं। इनसे पेट भरा हुआ लगता है और मस्तिष्क को यह संकेत भी चला जाता है कि अब खाना बंद कर देना चाहिए।

ऐसा संकेत मिलने पर मस्तिष्क ऐसे हॉरमोन बनाता है जो आपकी भूख कम करके तृप्ति का एहसास देते हैं।

अच्छे खाद्य विकल्पों का आयतन ज़्यादा होता है जबकि इनमें कैलोरी कम होती हैं। इनके उदाहरण हैं, कद्दू, ककड़ियाँ, बेरियाँ और बिना मक्खन के पॉप-कॉर्न।

10. ये आपके अत्यधिक प्रसंस्कृत किए हुए भोजनों के उपभोग में कमी ला सकते हैं

मोटापा आज दुनिया भर में एक बहुत बड़ी स्वास्थ्य समस्या बन गया है। दुनिया भर में 18 साल की उम्र के ऊपर के 190 करोड़ लोग मोटे या थुलथुले माने जाते हैं।

दिलचस्प बात यह है कि मोटापे में तेजी से बढ़त और अत्यधिक प्रसंस्कृत भोजनों की उपलब्धता बढ़ना एक साथ हुआ है।

इन बदलावों का एक उदाहरण स्वीडन में 1960 और 2010 के बीच किए एक शोध में देखा जा सकता है जिसमें अत्यधिक प्रसंस्कृत भोजन लेने और मोटापे के रुझानों का अवलोकन किया गया था।

शोध ने पाया कि इस अवधि में अत्यधिक प्रसंस्कृत भोजनों का उपभोग 142%, सॉफ्ट-ड्रिंक का उपभोग 315% और अत्यधिक प्रसंस्कृत किए गए स्नैक्स जैसे चिप्स और चॉक्लेट का उपभोग 367% बढ़ गया था।

इसी अवधि में मोटापे की दर 1980 में 5% से 2010 में 11% तक पहुँच गई थी।

ज़्यादा असली भोजन खाने से ऐसे अत्यधिक प्रसंस्कृत भोजनों का उपभोग कम हो जाता है जिनमें कम पोषण होता है, जो कैलोरी से भरपूर होते हैं और कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म देते हैं।

11. असली भोजनों से आप जीवन-शैली में बदलाव कर पाएँगे

क्रैश डाइट (अचानक बहुत ज़्यादा परहेज) करने से आप तेजी से वजन तो कम कर लेंगे लेकिन इसे कम बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती होता है।

अधिकतर क्रैश डाइट्स में आप कुछ भोजन समूहों पर प्रतिबंध लगाकर या अचानक कैलोरियाँ कम करके अपना लक्ष्य पाते हैं।

दुर्भाग्य से, यदि आप इस तरह की परहेज लंबे समय तक जारी नहीं रखेंगे तो वजन कम बनाए रखना चुनौतीपूर्ण होता है।

और यहीं आपको असली भोजन वाली डाइट से वजन कम करके लंबे समय तक उसे मेनटेन बनाए रखने में मदद मिल सकती है।

भोजन की इस शैली से वजन कम होने में समय ज़्यादा जरूर लगता है लेकिन इस बात की संभावना ज़्यादा होती है कि आप अपना कम किया हुआ वजन मेनटेन कर पाएँगे क्योंकि आपने अपनी जीवनशैली बदल ली होती है।

सारांश

असली भोजनों के आधिक्य वाला भोजन आपके स्वास्थ्य के लिए बेहतर होता है और इससे आप वजन भी कम कर सकते हैं।

असली भोजन ज़्यादा पोषक होते हैं, इनमें कम कैलोरियाँ होती हैं और ये प्रसंस्कृत किए हुए भोजनों की तुलना में अधिकतर जल्दी पेट भर देते हैं।

अपने खान-पान में प्रसंस्कृत भोजनों की जगह असली भोजन लेने मात्र से आप एक स्वस्थ जीवनशैली की ओर एक बड़ा कदम उठा सकते हैं।

यही नहीं, – कुछ समय के लिए परहेज करने की जगह असली भोजन खाने की आदत बना लेने से – आप लंबे समय तक दुबलेपन को मेनटेन रख पाएँगे।
खुश रहें और सेहतमंद रहें, हमारी शुभकामनाएँ!

खुश रहिये!

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