कीड़ों तथा अन्य परजीवियों से आप किस तरह से छुटकारा पाते हैं? Proherbarium medicine in hindi (प्रो हरबेरियम)

परजीवी वे जीव हैं जो दूसरे जीवों पर आश्रित होते हैं। वे मानव शरीर के आहार या आंतरिक अंगों के ऊतकों पर जीवित रहते हैं और अपनी गतिविधि के उत्पाद से मानव शरीर को दूषित करते हैं। मानवीय परजीवी गंभीर क्षति पहुंचाते हैं। वे किसी जीव के उन्माद को उकसाते हैं और अंततः गंभीर रोगों को पैदा कर सकते हैं। इसलिए यदि आपमें परजीवी हों तो उनसे तत्काल मुक्ति पाने की जरूरत है।

मानवों में परजीवियों की उपस्थिति के चिह्न

ध्यान दें, यदि आपको निम्नलिखित में से कोई लक्षण हों:

  • एलर्जी संबंधी कोई प्रतिक्रियाएं (चकत्ते, बहती नाक, त्वचा पर लालिमा आदि)।
  • बार-बार सर्दी होना: गले में खराश, गला खराब होना आदि।
  • थोड़ी सी गतिविधि के बाद बहुत थकान
  • माइग्रेन।
  • पाचन की समस्या: कब्ज़, डायरिया, पेट दर्द।
  • मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द।
  • चिंता, अनिद्रा या बहुत अधिक उनींदापन।
  • आँखों के नीचे काले धब्बे या सूजन।
  • मुँहासे।
  • खाने से संबंधित समस्याएं।

यदि इस सूची में से आपको 1-2 लक्षण हों तो, परजीवियों से मुक्ति के लिए आपको उपचारात्मक या रोकथाम वाले उपाय करने चाहिए।

परजीवियों को नष्ट करने के उपाय

पाचन मार्ग में उपस्थित परजीवियों (परजीवियों का सबसे आम समूह) से छुटकारा पाने के अनेक तरीके हैं। उनको अपनाने से पहले, किसी डॉक्टर से परीक्षण कराने की सलाह है।

कुछ तरीके निम्नलिखित हैं:

  1. एथनोसाइंस;
  2. थेराप्यूटिक उपचार;
  3. होमियोपैथी;
  4. औषधीय पौधे;
  5. नई परजीवी रोधी दवाएं।

प्याज और लस्सुन से बने पेय को पीना कीटों के लिए सबसे प्रभावशाली औषधीय रेसेपी है।

प्याज का पेय कैसे बनाएं?

प्याज को घिस लें और 1-1.5 लीटर के बर्तन में रखें। इसे पानी से भर दें और 10 दिनों के लिए रख दें। दिन में दो बार, एक छोटी चम्मच उपयोग करें।

लस्सुन के एनीमा की रेसेपी। लस्सुन की 5-6 कलियों को लेकर 1.5 मिली पानी में उबाल लें। इसे कमरे के तापमान तक ठंडा कर लें और एनीमा के माध्यम से इसे गुदा में डालें। 2 हफ्तों तक इस एनीमा को हर रोज़ करें। यदि जरूरी हो तो 2 हफ्तों तक इसे और करें।

थेराप्यूटिक उपचार

ऐलबेन्डाज़ोल, पायरैन्टल तथा अन्य दवाएं फार्मेसियों में प्रिस्क्रिप्शन पर बेची जाती हैं। हालांकि ये दवाएं ना केवल कीटों और उनके अंडों को मारती है, बल्कि इनके विषैले प्रभाव शरीर पर भी पड़ते हैं। कभी-कभार इन दवाओं को लेने के बाद व्यक्ति के शरीर को स्वस्थ होने में बरसों लग जाते हैं।

होमियोपैथी

अनेक व महंगे अध्ययनों से यह पता चला है कि परजीवियों से लड़ने में होमियोपैथी पूरी तरह से नाकाम रही है। लेकिन प्रबल समर्थक आज भी परजीवियों के उपचार के लिए होमियोपैथिक दवाओं की अनुशंसा करते हैं। लेकिन इन दवाओं का एकमात्र लाभ यह है कि ये आपको हानि नहीं पहुंचाती हैं।

औषधीय पौधे/जड़ीबूटियां

कारनेशन, यारो और सेन्टॉरी वे औषधीय पौधे हैं जिनमें परजीवीरोधी प्रभाव होते हैं। वे हानिरहित होते हैं लेकिन केवल रोग के आरंभिक चरणों में ही काम करते हैं, या रोकथाम उपायों के रूप में काम करते हैं।

नवीनतम परजीवी रोधी दवाएं

आज तक सबसे प्रभावी परजीवीरोधी दवाएं डीटॉक्सिक हैं और हाल ही में इनका अविष्कार हुआ है। इस उत्पाद में सिंथेटिक सामग्री शामिल है लेकिन ये शरीर के लिए सुरक्षित हैं, जिनमें निम्नलिखित जड़ीबूटियों के सार शामिल हैं: यारो, सेंटेनारियस और कारानेशन्स।

अधिकांश ज्ञात दवाओं के विपरीत डीटॉक्सिक पूरी तरह से हानिरहित है, और उपचार के पारंपरिक तरीके के विपरीत, यह दवा किसी तरह की परेशानी नहीं पैदा करती है और स्वाद में न्यूट्रल होती है। डीटॉक्सिक का फार्मूला आपको परजीवियों और उनके अंडों से 2 हफ्तों में पूरी तरह से छुटकारा दिलाता है। और इसलिए, परजीवियों से उपचार के बाद स्वस्थ होने के लिए अतिरिक्त धन खर्च करने की जरूरत नहीं है।

परजीवियों के फिर से उभरने से कैसे बचें? हरबेरियम क्या है इन हिंदी

पुनः संक्रमण से बचने के लिए, आपको दैनिक जीवन में अतिरिक्त सावधानी की जरूरत है।

सबसे पहले, अपनी स्वच्छता और अपने शरीर को साफ रखने पर विशेष ध्यान दें। नियमित स्नान करें, केवल साफ आहार लें जिसे सैनिटाइज़ किया गया हो।और हाँ, यदि आपने पालतू जानवर रखे हैं, छोटे बच्चे हों, या किसी वैटिनरी दवा, कृषि या आहार उत्पादन में काम करते हों तो रोकथाम के लिए डीटॉक्सिक लें।

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Chhaya Haldar :Freelance Health Writer